दीवारों से लड़ता हूँ
ख़ुद से बातें करता हूँ
तुम जब से गए हो
जाने कितनी मौतें मरता हूँ
याद है तुम्हारी वो हंसी
जो छाओ थी मेरी धूप की
वो पलकें बिछाना तुम्हारा मेरे लिए
और मेरा उस प्यार को देख न पाना
लड़ता था तुमसे
गुस्सा होता था, चिढ भी जाता था अक्सर
लेकिन प्यार बहुत था
अब दीवारों से लड़ता हूँ
ख़ुद से बातें करता हूँ
प्यार का मतलब और प्यार का मकसद
दोनों समझ नहीं आते मुझे
सीधा सा आदमी हूँ
बस इतना जानता हूँ की
तुमसे ही मुस्कान मेरी, तुमसे ही आंसू
तुम नहीं हो ना जो अब पास
तो अकसर रोता भी हूँ
दीवारों से लड़ता हूँ
तुमसे बातें करता हूँ
तुमसे नहीं कहा कभी
लेकिन जानता हूँ की ग़लत हूँ मैं
माफ़ तुमने पहले भी किया है मुझे
तो एक बार और सही
आ जाओ ना
दीवारों से लड़ता हूँ
ख़ुद से बातें करता हूँ
तुम जब से गए हो
जाने कितने मौतें मरता हूँ ।
नया साल आए बन के उजाला
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||
नूतन वर्ष मंगलमय हो |
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