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Archive for मार्च 1st, 2009

मुझ से बिछर के तू

मेरे और करीब आगया है
मेरे नजरो से ओझल तू
मेरे दिल में समा गया है|

एक एक कतरा खुसी
तुने संजोये मेरे लिए
मेरे दुखो में अपने
आँख भिगोये मेरे लिए

आज नजर बन के तू
मेरे आँखों में समां गया है|

आज बन के तू आस्मा
मुझ पे प्यार बरसा रहा है
बदलो की गरज के साथ
तू मुझे बुला रहा है

बन के मेरा अक्स तू
आईने में समां गया है
मुझे से बिछर के तू मेरे
और करीब आगया है|

आज भी महसूस करता हूँ तुझे
अपने दिल की धरकनो में
पाता हु आज भी तुझे
अपने मन की आँगन में|

आज बन के याद तू
मेरे दिलो जान पे छा गया है

अपने बदन के नस नस में
मैंने पाया है तुझे
सांसो की हर शोर में
मैंने बुलया है तुझे

हर तरफ हर वक्त
तू नजर आया है मुझे
तुझे खो के
अपने और करीब पाया है तुझे

बन के जादू तू
दुनिया के हर एक सय में समा गया है
मुझ से बिछर के तू मेरे और करीब आगया है|

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